Wednesday, December 28, 2011

nav varsh ki shubkamana

मैने कहा समय से ,
भूल जाओ क्या हुआ गत वर्ष ,
वह गम - थकान - औ विषाद ,
याद रखो बस वह लम्हा ,
जब आई होठों पे मुस्कान .
...वह देखो घर के आँगन से ,
बीच सड़क तक फैली है ,
नये साल की नई किरण .......
कल जाने क्या होगा ,
यह सोच न करूँ वक़्त बर्बाद ,
आज अभी जो लम्हा है ,
मेरा है सिर्फ मेरा ही मेरा ,
इसको कर लूँ मुट्ठी में बंद ,
हो जाये मुबारक यह साल......
आप सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएँ