पता है न तुम्हें ,
कभी एक पल होता है जिंदगी से भी लंबा ....
और पूरी जिंदगी एक पल से भी छोटी।
पता है न तुम्हें ,
रोज़ सुबह मांगते हो मरने की दुआएं ,
और दोवारों पे लहकती परछाइयों से कांप जाते हो ॥
पता है न तुम्हें ,
भूख लाती है आँखों मे चमक ,
पर गले को खुश्क कर जाती है ।
पता है न तुम्हें बोलते हो आँसू ,
पर होठ चिपक जाते हो ।
पता है न तुम्हें ,
यह दिल है इस्पात से भी मजबूत ,
अरमान बुलबुले सा नाज़ुक ..... पता है ...पता है न तुम्हें ....
कभी एक पल होता है जिंदगी से भी लंबा ....
और पूरी जिंदगी एक पल से भी छोटी।
पता है न तुम्हें ,
रोज़ सुबह मांगते हो मरने की दुआएं ,
और दोवारों पे लहकती परछाइयों से कांप जाते हो ॥
पता है न तुम्हें ,
भूख लाती है आँखों मे चमक ,
पर गले को खुश्क कर जाती है ।
पता है न तुम्हें बोलते हो आँसू ,
पर होठ चिपक जाते हो ।
पता है न तुम्हें ,
यह दिल है इस्पात से भी मजबूत ,
अरमान बुलबुले सा नाज़ुक ..... पता है ...पता है न तुम्हें ....