Friday, July 13, 2012

उँगलियों का संवाद

क्या तुम्हें आंखो की भाषा समझ आती है॥? 
नहीं !!!!!
अच्छा तो क्या तुम पढ़ पाते हो मौन के शब्द... ?
नहीं .....!!!
उफ़्फ़ , तो क्या उँगलियों का संवाद ...????
नहीं ...!!!!!!
लो थामो हाथों में मेरा हाथ ,
देखो यह जो दरार है इन उँगलियों के दरमियान ,
ताकि तुम फंसा सको इनमे अपनी उँगलियाँ ......
एकरस हो जाए हो जाए दोनों इन की तरह ,
खत्म हो लकीर जहाँ मेरी ,शुरू हो तेरी वहाँ से,
मिट जाए फर्क तेरी -मेरी लकीरों का............!!!!!!!


Tuesday, July 10, 2012

इंतजार क्यों है ?

ख्वाब में मिलता है जो ख्वाब की तरह ,
बस उसी का इंतजार क्यों है ?
पलता है पलकों मे ओस की बूंद- सा 
खुलते ही पलक धुल जाता है .....
अटक जाता है कभी धूल के कण- सा,
किरकिरी बन सताता है तब ही ......
चमकता है पुतली में तारा सा कभी ,
जुगुनू की तरह टिमटिमता है .....
छिपता है नन्हे बालक की हंसी सा ,
भवों पे किलक किलक जाता है .....
बरसता है चांदनी -सा चारों ओर,
तन - बदन में गर्माहट सी भर जाता है ....
मिलता है जो ख्वाब में , ख्वाब की तरह ,
बस उसी का इंतजार इंतजार क्यों है .............. 

Monday, July 9, 2012

अब कोई न मुझे रोक पायेगा ...

भीखू चमार की छोरी ,
चार जमात पढ़ गयी ,
यही बात ज़माने की ,
 आँखों को गड़ गयी ...
छोटी जात की यह औकात ,
भूल गया क्या अपने हालात ,
अब क्या करेगा हमारी बराबरी ,
याद नहीं क्या अपनी बिरादरी ,
छोरी का नाम आज ही कटवाए ,
बैठे घर और माँ का हाथ बटाएँ ..
कल तक थे जो बेड़ियों में जकड़े ,
आज सर उठा हमसे ही अकड़े ..
न -न यह हमको गवारा नहीं ,
इसके सिवा अब कोई चारा नहीं .
सबक तो सीखना होगा ,
जल्दी ही इसे होश मे लाना होगा ...
चीखी -चिल्लाई - गिड़गिड़ाई बहुत ,
पर भेडियों के सामने चला न बस ,
गिरी हुई पस्त थक कर ढह गयी .....

भीखू अब ओसारे बैठे सर पीटे है ,
महतारी उसकी छाती कूटे  है ..
जुडी है भीड़ चौखट से खेत तक ,
क्या होगा इस छोरी  का अब,,
अब तो यह कुछ कर  न पायेगी ,
बडन लोगो की सेवा के ही काम आयेगी ....

हर कोई अपनी पंचायती है छान रहा ,
बढ़ा - चढ़ा का किस्से हैं बांच रहा ..
उठी छोरी , चुपचाप -अपनेआप ,
भर मटका ,डाल शीश अपने ,
सीना तान किया हुंकार ,
यह नीच कृत्य पशुओं का ,
मुझको न रोक पायेगा ,
आज जो रुकी मैं  तो यह ,
समाज , नरभक्षियों  से भर जायेगा ,
इसलिए आज से करती हूँ यह प्रण ,
जितना होगा वार  मेरा मनोबल उतना ही बढ़ता जायेगा .............
अब कोई न मुझे रोक पायेगा ...
नही रोक पायेगा ......!!!!