कब तक रहोगे ख्वाब की तरह ,
कभी तो सामने आओ हकीकत की तरह |
कब तक रहोगे दूर सितारे की तरह ,
कभी तो मिलो बहती हवाओ की तरह |
कब तक रहोगे पलकों में नमी की तरह ,
कभी तो छलको रेशमी बूंदों की तरह |
कब रहोगे एक गूढ़ सवाल की तरह ,
कभी तो आओ सुलझे जवाब की तरह |