Thursday, January 5, 2012

khaas lamha

चंद छोटे से लम्हे के लिए ही सही ,
टूट कर किया मैने तुमसे प्यार |
 गर्म भाप उठी प्याले से चंद पलों के लिए,
दे गयी ताजगी उस वक़्त  |
गोलगप्पे की खटास उस पल में ,
जीभ को करती तुर्श उस क्षण |
हो फिर कुछ पल को ठंडी कुल्फी का
जुबान को सुन्न  करता आभास |
पहाड़ों पर गोल होती सडक का जैसे ,
खत्म हो  जाने का अहसास |
हवा के पलटे रुख के साथ ,
महीन आंचल का सरसराता स्पर्श |
किसी की याद मे भीगते - उलझते ,
बारिश की बूंद से गीले ज़ज्बात |
बाँहों के घेर मे उठी - गिरती ,
एकतार होती धड़कन की सरगम |
बस वही एक पल ...लम्हा ..क्षण..
....... होता है खास ....!!!!!


Tuesday, January 3, 2012

पिताजी की पुण्य तिथि पर


आँगन में धूप सेंकते- सेंकते ,
अखबार के पन्ने पलटते,
गर्म चाय की चुस्कियों के साथ ,
सबके दुख - सुख बांचते 
पिताजी .......!!
स्कूटर मेंबार बार कीक मारते,
हैंडल  पे लटका खाने  का थैला ,
पिछली सीट पे पडोसी के बच्चे को बिठा ,
बीच रस्ते में कहीं छोड़ते ,
पिताजी .....!!
बड़े रुमाल में गंडेरीयों की सौगात ,
दोनों तरफ झोलों में तरकारी और फलों की बरसात ,
मंदिर की घंटी और प्रसाद ,
धूप और कपूर की तरह ,
पिताजी ............!!