सुनो , याद है तुम्हें जब तुमने कहा ,
मुझे तुमसे प्यार है ...
चल , झुट्ठा -- कह मै खिखिलाई ,
नहीं , तू क्यों नहीं करती मेरा यकीन ॥
सच्ची - मुच्ची ?
अच्छा बता , गर मै न मिलूँ तो ?
तो - तो मै मर जाऊंगा ...
और भी ज़ोर से हँसी,
उन्मुक्त झरने से - खिल खिल ,
बकवास सब ,ऐसा ,सब होता रिसालों - किताबों मे ....
तू एसी क्यों है , क्यों नही दिखता तुझे ,
मेरा लबलबाता प्यार ...
सुन हर बार जताना ज़रूरी है क्या ?
कह , इतराती , ठुमकती चल दी वह अलबेली नार .....
आज सुनो तुम , सात समुन्द्र - पार ,
साथ हँसता - बोलता परिवार ,
मै वही , कहती , चल झुट्ठा.... चल झुट्ठा ....
मुझे तुमसे प्यार है ...
चल , झुट्ठा -- कह मै खिखिलाई ,
नहीं , तू क्यों नहीं करती मेरा यकीन ॥
सच्ची - मुच्ची ?
अच्छा बता , गर मै न मिलूँ तो ?
तो - तो मै मर जाऊंगा ...
और भी ज़ोर से हँसी,
उन्मुक्त झरने से - खिल खिल ,
बकवास सब ,ऐसा ,सब होता रिसालों - किताबों मे ....
तू एसी क्यों है , क्यों नही दिखता तुझे ,
मेरा लबलबाता प्यार ...
सुन हर बार जताना ज़रूरी है क्या ?
कह , इतराती , ठुमकती चल दी वह अलबेली नार .....
आज सुनो तुम , सात समुन्द्र - पार ,
साथ हँसता - बोलता परिवार ,
मै वही , कहती , चल झुट्ठा.... चल झुट्ठा ....