सुनो , याद है तुम्हें जब तुमने कहा ,
मुझे तुमसे प्यार है ...
चल , झुट्ठा -- कह मै खिखिलाई ,
नहीं , तू क्यों नहीं करती मेरा यकीन ॥
सच्ची - मुच्ची ?
अच्छा बता , गर मै न मिलूँ तो ?
तो - तो मै मर जाऊंगा ...
और भी ज़ोर से हँसी,
उन्मुक्त झरने से - खिल खिल ,
बकवास सब ,ऐसा ,सब होता रिसालों - किताबों मे ....
तू एसी क्यों है , क्यों नही दिखता तुझे ,
मेरा लबलबाता प्यार ...
सुन हर बार जताना ज़रूरी है क्या ?
कह , इतराती , ठुमकती चल दी वह अलबेली नार .....
आज सुनो तुम , सात समुन्द्र - पार ,
साथ हँसता - बोलता परिवार ,
मै वही , कहती , चल झुट्ठा.... चल झुट्ठा ....
मुझे तुमसे प्यार है ...
चल , झुट्ठा -- कह मै खिखिलाई ,
नहीं , तू क्यों नहीं करती मेरा यकीन ॥
सच्ची - मुच्ची ?
अच्छा बता , गर मै न मिलूँ तो ?
तो - तो मै मर जाऊंगा ...
और भी ज़ोर से हँसी,
उन्मुक्त झरने से - खिल खिल ,
बकवास सब ,ऐसा ,सब होता रिसालों - किताबों मे ....
तू एसी क्यों है , क्यों नही दिखता तुझे ,
मेरा लबलबाता प्यार ...
सुन हर बार जताना ज़रूरी है क्या ?
कह , इतराती , ठुमकती चल दी वह अलबेली नार .....
आज सुनो तुम , सात समुन्द्र - पार ,
साथ हँसता - बोलता परिवार ,
मै वही , कहती , चल झुट्ठा.... चल झुट्ठा ....
आज सुनो तुम , सात समुन्द्र - पार ,
ReplyDeleteसाथ हँसता - बोलता परिवार ,
मै वही , कहती , चल झुट्ठा.... चल झुट्ठा ....
USANE KAHA THA KE STYLE MEN धत्त
http://bulletinofblog.blogspot.in/2013/08/blog-post_4.html
ReplyDeleteabhar
Deleteतो वही झुट्ठा सात समंदर पार तक .....?
ReplyDeleteramakant singh ji ne sahi kaha!
ReplyDeleteshandaar abhivyakti!
खुबसूरत अभिवयक्ति...... .
ReplyDelete:-))
ReplyDeleteइसी झूठ मूठ की मनुहार में ... जिंदगी बीतती रहे ...
ReplyDeleteआमीन ...
. बहुत सुंदर.
ReplyDelete