Friday, July 12, 2013

काश रोक लेती उस पल को

यूं ही चलते - चलते ,
यकायक उंगलिया टकरा गई ,
सनसनासन बिजली सी कौंध गई ..... 
सकपका कर छिटक गए ,
तुम यूं ही बादलों को घूरने लगे ,
मै बिनमतलब लट सँवारने लगी ...... 
उस दिन सिर मे दर्द था शायद ,
तुमने कहा सहला दूँ ,
सकुचती सी हल्की सी हामी ,
तुम्हारा वह कुनकुना स्पर्श,
पिघलने लगी , जा पहुंची दूर ,
जहाँ सिर्फ मै और तुम ,
न कोई हैरानी न ही परेशानी ,
न जात न पात न ही आटे -दाल का भाव ,
कब तक यूं ही दिवास्वप्न मे रही डूबी ,
धीमी सी चपत मेरे गाल पर ,
सो गई क्या पगली ....
सकपका , नहीं नहीं बस यूं ही ,
काश ... तुम बस मेरे होते ,
काश ये रिश्ते यूं न उलझे होते ,
तभी गंभीर तुम्हारा स्वर ,
याद है न कल मुझे जाना है ,
नई नौकरी का पहला दिन ,
नई जगह ,नए लोग , तुम तुम
बहुत याद आओगी ?
क्या , मै भी तुम्हें याद आऊँगा ?
टपटपाती दो जोड़ी आंखे,
ओर ठहरा - ठहरा सा समय ,
काश रोक लेती उस पल को ,
बांध लेती तुम्हें तो आज ,
वही उसी मोड पर न लगी होती ये निगाहें ...
न जाने कब से
जमी है .....वहीं की वहीं .....

Wednesday, July 10, 2013

कर गयी प्रस्थान ..

गांठ सी थी ..
गुम अपने में मग्न
या नदी सी --कलकल ... थी ,
पहेली सी - अनबुझ ...
जब तक थी महफ़िल में बातों का कारण थी 
और मरकर भी ..........!! 
न कोई मशहूर हस्ती थी न ही कोई नामचिनी खानदान ..
कमबख्त ऐसी ही थी .......
जीते जी लोंगो की जुबान पे कसैली या रसीली ..
तुर्श.......इश श श श ....चटपटी ..मजेदार .. ...
मर कर भी ..खट्टी - मीठी ....
पहली धार सी .....तीखी ...सीधे सर चढ़ कर बोले ।
आजाद ......बिन डोर पतंग .....समाज के सागर मे बिन पतवार की नैय्या .
डूबती -तैरती -उबरती -
हिचकोले -लेती ....मनमौजी लहरों पे .
आवारा - किरण सी सवार ।
बोलती कम ,हँसती ज़्यादा थी -----
धूप में मनो अभ्रक छिडकती थी !!!!
उसकी यही बेफिक्री
कईयों को खल गयी ,
भला यह भी कोई ,
जीने का अंदाज़ है ,
न चिंता - न फिकर ,
न लाज - न हया ,
न छोटो का लिहाज़ ,
न बड़ों की शर्म
उसने किया नगाड़ा बजा एक अलग ही ऐलान --------
अब सिर्फ सुनेगी,
अपने मन की .....
अब सिर्फ करेगी ,
अपने मन की ..................
और फिर .....वह उड़ने लगी ...बहने लगी..
धरती से आकाश की और ..
झंझावातों - धूलि--धूसरित बादलों से परे ....
दूर आकाश की ओर
बिजली के प्रहार से बेपरवाह ...निडर ...मजबूत ..मस्त..
....उडती ...ऊँचे ही ऊँचे ....कर गयी प्रस्थान ..