Monday, June 10, 2013

उफ़्फ़ - उफ़्फ़ ये जिंदगी ....उफ़्फ़.

शीशे के किरचों पे चलती जिंदगी ,
बूंद - बूंद - तरसाती ये जिंदगी ,
कोरों से निकल ढुलकती जिंदगी ,
छोटी तो कभी सदियों सी जिंदगी ,
नाचती - नचाती देवदासी सी जिंदगी ,
न तेरी न मेरी बाजारू हुई ये जिंदगी ,
हल्का - गहरा खुमार है जिंदगी ,
तेरा नशा है मुझे जिंदगी ,
उफ़्फ़ - उफ़्फ़ ये जिंदगी ....उफ़्फ़..... !!!!!