सुनो ---कहो ?-----सच -सच बताना ?..हूँ , बोलो--. प्यार करती हो ?...हाँ ...कितना ?---मतलब..?---मैने पूछा ..कितना ..?...वही तो क्या मतलब ..कितना ..?
इसका भी है क्या कोई पैमाना .....माप- तोल, ह्म्म्म मान लो उतना जितना तुम चाहो ..
---- फिर भी कितना ..???
उफ्फ्फ्फ़ ...थोडा ....बहुत थोडा
चुटकी भर --- आटे में नमक सा ,
सावन की पहली फुहार सा ,
माटी की कच्ची सुगंध सा ,
चांदनी में नहाये गुलाब सा ,
मद्धिम --- मद्धिम सी चूल्हे की आंच सा ,
न कम - न ज्यादा --- सीमित---नपा- तुला ,
ह्म्म्मम्म --- तो बनियागिरी करती हो ?
जितना है ज़रूरी , बस उतना ,
अगर करूं अधिक तो डूब जाओगे ,
घुटने लगेगा तुम्हारा ,
तलवों का गुगुदाती रेत सा ,
हल्की - नर्म थपकी सा ,
भोर की सिंदूरी आभा सा ,
चिलचिलाती धुप में नाज़ुक छाँव सा..
बस ऐसा ही है मेरा प्यार ---
टकीला के शॉट सा,
बस दो या तीन --- न कम न ज्यादा ----
वो यह सुन हल्के से मुस्कुरा दिया ,
तेरी इसी गुलाबी मुस्कान सा .........थोडा --थोडा --न कम न ज्यादा ...थोडा ---
इसका भी है क्या कोई पैमाना .....माप- तोल, ह्म्म्म मान लो उतना जितना तुम चाहो ..
---- फिर भी कितना ..???
उफ्फ्फ्फ़ ...थोडा ....बहुत थोडा
चुटकी भर --- आटे में नमक सा ,
सावन की पहली फुहार सा ,
माटी की कच्ची सुगंध सा ,
चांदनी में नहाये गुलाब सा ,
मद्धिम --- मद्धिम सी चूल्हे की आंच सा ,
न कम - न ज्यादा --- सीमित---नपा- तुला ,
ह्म्म्मम्म --- तो बनियागिरी करती हो ?
जितना है ज़रूरी , बस उतना ,
अगर करूं अधिक तो डूब जाओगे ,
घुटने लगेगा तुम्हारा ,
तलवों का गुगुदाती रेत सा ,
हल्की - नर्म थपकी सा ,
भोर की सिंदूरी आभा सा ,
चिलचिलाती धुप में नाज़ुक छाँव सा..
बस ऐसा ही है मेरा प्यार ---
टकीला के शॉट सा,
बस दो या तीन --- न कम न ज्यादा ----
वो यह सुन हल्के से मुस्कुरा दिया ,
तेरी इसी गुलाबी मुस्कान सा .........थोडा --थोडा --न कम न ज्यादा ...थोडा ---