पलकों के भीतर ख्वाबों को पलने दे ,
नशवर ही सही उसे कुछ पल जीने दे
झूठा ही सही, पर ख्वाब तो है - तेरा ,
मन में एक इन्द्रधनुष -सा खिलने दे ,
शीशे सा टूट जाता है ,बड़ा नाजुक है ,
...जब तक रहे , वहाँ इसे चमकने दे
जिन्दगी वैसे ही बेज़ार रुलाती है ,
नशवर ही सही उसे कुछ पल जीने दे
झूठा ही सही, पर ख्वाब तो है - तेरा ,
मन में एक इन्द्रधनुष -सा खिलने दे ,
शीशे सा टूट जाता है ,बड़ा नाजुक है ,
...जब तक रहे , वहाँ इसे चमकने दे
जिन्दगी वैसे ही बेज़ार रुलाती है ,
उन हसीं लम्हों को याद कर हँसने दे
जिन्दगी वैसे ही बेज़ार रुलाती है ,
ReplyDeleteउन हसीं लम्हों को याद कर हँसने दे
kuch to jee lene de... bahut badhiyaa
dhnyawad.
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