Saturday, July 4, 2015

दो रंग


वह देखो ....देखो अरे देखो तो ज़रा ,
जन्मा पलको पे एक हंसी सपना ,
देखो ... निहारो .... सरहाओ,
पनपा ... पला....सजा ...संवरा ,
देखो .... देखो .... अरे देखो तो सही ,
पसीजा .... दुलका .... लुढ़का ....झरा ,
छलका ....टप.... टप ...टप ... ||
वह देखो ... देखो अरे देखो तो ज़रा ,
जन्मा पलकों पे एक हंसी सपना ,
देखो.... निहारो ...सरहाओ ,
पनपा ...पला ...सजा ....संवारा ,
देखो ...देखो...अरे देखो तो सही ,
हुआ मजबूत ...पक्का...द्र्ढ...
प्रबल ...पुख्ता .....साकार ...||

5 comments:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, संडे स्पेशल भेल के साथ बुलेटिन फ्री , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

    ReplyDelete
  2. बहुत खूबसूरत एहसास !

    आभार !

    इन्तेजार रहेगा आपका ...!

    ReplyDelete
  3. सुन्दर भावो से सजी कविता.... आभार
    http://savanxxx.blogspot.in

    ReplyDelete
  4. वाह बहुत सुंदर भाव
    प्रभावी रचना
    बधाई

    ReplyDelete