वह देखो ....देखो अरे देखो तो ज़रा ,
जन्मा पलको पे एक हंसी सपना ,
देखो ... निहारो .... सरहाओ,
पनपा ... पला....सजा ...संवरा ,
देखो .... देखो .... अरे देखो तो सही ,
पसीजा .... दुलका .... लुढ़का ....झरा ,
छलका ....टप.... टप ...टप ... ||
जन्मा पलको पे एक हंसी सपना ,
देखो ... निहारो .... सरहाओ,
पनपा ... पला....सजा ...संवरा ,
देखो .... देखो .... अरे देखो तो सही ,
पसीजा .... दुलका .... लुढ़का ....झरा ,
छलका ....टप.... टप ...टप ... ||
वह देखो ... देखो अरे देखो तो ज़रा ,
जन्मा पलकों पे एक हंसी सपना ,
देखो.... निहारो ...सरहाओ ,
पनपा ...पला ...सजा ....संवारा ,
देखो ...देखो...अरे देखो तो सही ,
हुआ मजबूत ...पक्का...द्र्ढ...
प्रबल ...पुख्ता .....साकार ...||
जन्मा पलकों पे एक हंसी सपना ,
देखो.... निहारो ...सरहाओ ,
पनपा ...पला ...सजा ....संवारा ,
देखो ...देखो...अरे देखो तो सही ,
हुआ मजबूत ...पक्का...द्र्ढ...
प्रबल ...पुख्ता .....साकार ...||
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, संडे स्पेशल भेल के साथ बुलेटिन फ्री , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteabhar
Deleteबहुत खूबसूरत एहसास !
ReplyDeleteआभार !
इन्तेजार रहेगा आपका ...!
सुन्दर भावो से सजी कविता.... आभार
ReplyDeletehttp://savanxxx.blogspot.in
वाह बहुत सुंदर भाव
ReplyDeleteप्रभावी रचना
बधाई