मैं तो हूँ मस्त बयार , बांधने की तुम्हारी कोशिश है बेकार |
यह भटकन - अटकन -उलझन, ही तो है मेरी पहचान |
निर्द्वंद , अबाध , बहती ,...
निर्मल , शीतल , सुगन्धित ...
प्यार और त्रास भी ...
प्यास और पानी भी ..
जीत भी और हार भी ...
सवाल भी और जवाब भी ...
मैं तो हूँ मस्त बयार , बांधने की तुम्हारी कोशिश है बेकार ........|
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