Saturday, January 15, 2011

Milan

समुंदर में गिरती नदी ,
क्षितिज   मे डूबता सूरज,
धूल में मिलती बूंद ,
अमिट प्यार का आलिंगन |
दो प्रेमी मन  का मिलन ,
मिट कर पाने की  ललक ,
खो कर पाने की चाह,
प्रेम का अदभुत आकर्षण ,
खड़ी देखती हूँ मैं...
संभव है ऐसा सिर्फ प्रकृति मे ,
मानव रह जाता है अछूता इतनी सच्चाई से ,
अपनी ही धुन मे जकड़ा ,
अपने अहम से अकड़ा ,
रह जाता है अपने ही अन्दर ,
इसलिए साथ रह कर भी अकेला ........

1 comment: