जिंदगी बदल रही है , जिंदगानी बदला रही है ,
तेरे - मेरे जीने की कहानी बदल रही है |
एक की कमाई पर चलता था घर ,
अब सब की भी कम पड़ रही है |
नज़र बदल रही है , नज़रिया बदल रहा है ,
नज़रंदाज़ करने का तरीका बदल रहा है |
कहते थे कभी , खा कर जाना ,
अब सुनते हैं "आप खा कर आए होंगे |
बातें होती थी आमने - सामने कभी ,
अब हर किसी से नज़रे चुरा कर मिला रहे हैं |
पोशाक बदल रही है , पहनावे बदल रहे हैं ,
छिपाने की बजाय, दिखाने के अंदाज़ बदल रहे हैं |
रिश्ते बदल रहे हैं , नाते बदल रहे हैं ,
जन्म जन्मातर के साथी बदल रहे हैं |
इसमें आश्चर्य क्या ,
और अचम्भा क्यों ,
वक़्त के साथ ...हम भी बदल रहे हैं .......
तेरे - मेरे जीने की कहानी बदल रही है |
एक की कमाई पर चलता था घर ,
अब सब की भी कम पड़ रही है |
नज़र बदल रही है , नज़रिया बदल रहा है ,
नज़रंदाज़ करने का तरीका बदल रहा है |
कहते थे कभी , खा कर जाना ,
अब सुनते हैं "आप खा कर आए होंगे |
बातें होती थी आमने - सामने कभी ,
अब हर किसी से नज़रे चुरा कर मिला रहे हैं |
पोशाक बदल रही है , पहनावे बदल रहे हैं ,
छिपाने की बजाय, दिखाने के अंदाज़ बदल रहे हैं |
रिश्ते बदल रहे हैं , नाते बदल रहे हैं ,
जन्म जन्मातर के साथी बदल रहे हैं |
इसमें आश्चर्य क्या ,
और अचम्भा क्यों ,
वक़्त के साथ ...हम भी बदल रहे हैं .......
ये बदलाव ही तो खतरनाक मोड़ पे है इस जिन्दगी का
ReplyDeleteहर रिश्ता ...हर बात ...दाव पर लगी है इस वक़्त
तू भी बदल फलक की ज़माना बदल गया.......बदलाव को लेकर एक ज़बरदस्त पोस्ट.......बहुत खूब|
ReplyDeleteसुन्दर रचना , बहुत खूबसूरत प्रस्तुति
ReplyDeletebahut bahut shukriyaa
ReplyDeleteरक्षाबंधन एवं स्वतंत्रता दिवस पर्वों की हार्दिक शुभकामनाएं .
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