मैं सिर्फ एक चेहरा नहीं , जो सिर्फ सजाया जाये.... ..
मैं कोई मोहरा नहीं, जो सिर्फ बिसात पर चलाया जाये....
हसरत नहीं सिर्फ चाहत नहीं ,सदाओं पर कोई पहरा नहीं ..
एक रिश्ता नहीं सिर्फ तेरी जायदाद नहीं ,इंसा हु पुतला नहीं....
दिल टूट जाये ,रूह बिखर जाये ,सब बाकी बेजान रह जाये....
खोलो आँखें और करलो पहचान ,मैं दान मैं मिला सामान नहीं
मैं कोई मोहरा नहीं, जो सिर्फ बिसात पर चलाया जाये....
हसरत नहीं सिर्फ चाहत नहीं ,सदाओं पर कोई पहरा नहीं ..
एक रिश्ता नहीं सिर्फ तेरी जायदाद नहीं ,इंसा हु पुतला नहीं....
दिल टूट जाये ,रूह बिखर जाये ,सब बाकी बेजान रह जाये....
खोलो आँखें और करलो पहचान ,मैं दान मैं मिला सामान नहीं
bahut khoob likha hai....
ReplyDeleteउत्तम प्रस्तुति, आभार
ReplyDeletesahi kaha....
ReplyDeletekhoobsoorat...
***punam***
bas yun...hi..
tumhare liye...
शानदार प्रस्तुति........बहुत सुन्दर|
ReplyDeletesahi kaha....
ReplyDeletekhoobsoorat..
***punam***
जितने खूबसूरत शब्द हैं उनते ही उन्नत भावों से सजाया है. शब्द नहीं हैं मेरे पास बयान करने के लिए
ReplyDeletebaahut bahut shukriyaa...
ReplyDeletewaah
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