आज बहुत नाजुक मिजाज है मौसम ,
ऐसे में तुम बहुत याद आ रहे हो ...
सफ़ेद- स्याह बादलों से झड़ती,
चाँदी- सी गिरती नर्म बूंदे...
हवा में है हल्की सी मदहोशी ,
पेड़ो ने झूम- झूम बिखराई पाती सारी...
राह में बिछी चांदनी की खुमारी ,
सर उठा देखूं घनघोर घटा में ,
इक तेरा चेहरा ही नजर आये ..
आज बहुत नाजुक मिजाज है मौसम ,
ऐसे में तुम बहुत याद आ रहे हो ...
सुंदर ...
ReplyDeletesaral shabdon main shaandaar rachna likhti hain aap ,
ReplyDeleteimpresive,
याद है ही ऐसी...............
ReplyDeleteचली आती है हर बदलते मौसम के संग.....................
सुंदर भाव पूनम.
अनु
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteLearnings: भिखारी का धर्मसंकट
bahut khubsurat post
ReplyDeleteसुंदर सरल मन के भाव.....
ReplyDeleteबहुत प्यारी रचना.
ReplyDeleteसर उठा देखूं घनघोर घटा में ,
ReplyDeleteइक तेरा चेहरा ही नजर आये ..
आज बहुत नाजुक मिजाज है मौसम ,
ऐसे में तुम बहुत याद आ रहे हो ...
very very soft and sweet lines.
बदलते मौसम में वो अक्सर याद आते हैं ... बहुत खूब लिखा है ...
ReplyDeletekhubsurat pyare se bhaw:)
ReplyDeleteआज बहुत नाजुक मिजाज है मौसम ,
ReplyDeleteऐसे में तुम बहुत याद आ रहे हो ...
awesome and mind-blowing lines