वह देखो ....देखो अरे देखो तो ज़रा ,
जन्मा पलको पे एक हंसी सपना ,
देखो ... निहारो .... सरहाओ,
पनपा ... पला....सजा ...संवरा ,
देखो .... देखो .... अरे देखो तो सही ,
पसीजा .... दुलका .... लुढ़का ....झरा ,
छलका ....टप.... टप ...टप ... ||
वह देखो ... देखो अरे देखो तो ज़रा ,
जन्मा पलकों पे एक हंसी सपना ,
देखो.... निहारो ...सरहाओ ,
पनपा ...पला ...सजा ....संवारा ,
देखो ...देखो...अरे देखो तो सही ,
हुआ मजबूत ...पक्का...द्र्ढ...
प्रबल ...पुख्ता .....साकार ...||
जन्मा पलकों पे एक हंसी सपना ,
देखो.... निहारो ...सरहाओ ,
पनपा ...पला ...सजा ....संवारा ,
देखो ...देखो...अरे देखो तो सही ,
हुआ मजबूत ...पक्का...द्र्ढ...
प्रबल ...पुख्ता .....साकार ...||
क्या बात है पूनम जी सुन्दर रचना सपने होते ही ऐसे हैं.
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteक्या बात है
बहुत ही अच्छी अभिव्यक्ति ,,,पूनम जी,,,,
ReplyDeleteRECENT POST:..........सागर
AAPKA TO ANDAZE BAYAN BEMISHAL HAI , BEHTREEN, IMPRESIVE
ReplyDeletewaah khoob likha!!
ReplyDeletewaah bahut khub
ReplyDeleteutam-***
ReplyDeleteहुआ मजबूत ...पक्का...द्र्ढ...
ReplyDeleteप्रबल ...पुख्ता .....साकार .
पसीजा .... दुलका .... लुढ़का ....झरा ,
छलका ....टप.... टप ...टप ...
अद्भुत सपना
बेह्तरीन अभिव्यक्ति .आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये. मधुर भाव लिये भावुक करती रचना,,,,,,
ReplyDeleteबहुत अद्भुत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति...