Friday, January 25, 2013

क्या मै स्वतंत्र हूँ ?

दायरे - दायरे और दायरों मे दायरे ,
छोटे - बड़े , लंबे - चौड़े, गोल- चोकौर,
कहीं दिखते कहीं छिपते ,
कहीं वास्तविक कहीं काल्पनिक ,
कभी उभरते कभी झीने - झीने ,
देखो तो हर कोई सिमटा है ,
अपने - अपने दायरों के दरमियान ,
कौन है स्वतंत्र यहाँ ?
धार्मिक - सामाजिक - पारिवारिक ,
हर स्तर पर बंधा है हर कोई ,
स्वतन्त्रता एक जज्बा है ,
जो हर दिल मे सुलगता है ,
यह वो अनबुझी प्यास है ,
जिससे हर कोई झुलसता है ,
क्या मै स्वतंत्र हूँ ?
यह तो यक्ष प्रश्न है ????
?

9 comments:

  1. जो हमेशा प्रश्न रहे ...

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  2. बहुत सुंदर रचना,,,
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,
    recent post: गुलामी का असर,,,
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,
    recent post: गुलामी का असर,,,

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  3. बहुत बढि़या...गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,

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  4. गणतंत्र दिवस २६/०१/२०१३ विशेष ब्लॉग बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से आप सब को गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं ! आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  5. स्वतंत्रता के बड़े गूढ़ मायने हैं...
    विचारणीय रचना..
    गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !!

    अनु

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  6. यक्ष प्रश्न ,युधिष्ठिर कोई नहीं यहाँ जवाब देने केलिए .उम्दा प्रस्तुति .
    New postमेरे विचार मेरी अनुभूति: तुम ही हो दामिनी।

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  7. बहुत सुंदर रचना,,,
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,

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