दायरे - दायरे और दायरों मे दायरे ,
छोटे - बड़े , लंबे - चौड़े, गोल- चोकौर,
कहीं दिखते कहीं छिपते ,
कहीं वास्तविक कहीं काल्पनिक ,
कभी उभरते कभी झीने - झीने ,
देखो तो हर कोई सिमटा है ,
अपने - अपने दायरों के दरमियान ,
कौन है स्वतंत्र यहाँ ?
धार्मिक - सामाजिक - पारिवारिक ,
हर स्तर पर बंधा है हर कोई ,
स्वतन्त्रता एक जज्बा है ,
जो हर दिल मे सुलगता है ,
यह वो अनबुझी प्यास है ,
जिससे हर कोई झुलसता है ,
क्या मै स्वतंत्र हूँ ?
यह तो यक्ष प्रश्न है ?????
छोटे - बड़े , लंबे - चौड़े, गोल- चोकौर,
कहीं दिखते कहीं छिपते ,
कहीं वास्तविक कहीं काल्पनिक ,
कभी उभरते कभी झीने - झीने ,
देखो तो हर कोई सिमटा है ,
अपने - अपने दायरों के दरमियान ,
कौन है स्वतंत्र यहाँ ?
धार्मिक - सामाजिक - पारिवारिक ,
हर स्तर पर बंधा है हर कोई ,
स्वतन्त्रता एक जज्बा है ,
जो हर दिल मे सुलगता है ,
यह वो अनबुझी प्यास है ,
जिससे हर कोई झुलसता है ,
क्या मै स्वतंत्र हूँ ?
यह तो यक्ष प्रश्न है ?????
जो हमेशा प्रश्न रहे ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना,,,
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,
recent post: गुलामी का असर,,,
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,
recent post: गुलामी का असर,,,
बहुत बढि़या...गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस २६/०१/२०१३ विशेष ब्लॉग बुलेटिन ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से आप सब को गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं ! आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeletebahut bahut abhar
Deleteस्वतंत्रता के बड़े गूढ़ मायने हैं...
ReplyDeleteविचारणीय रचना..
गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !!
अनु
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteयक्ष प्रश्न ,युधिष्ठिर कोई नहीं यहाँ जवाब देने केलिए .उम्दा प्रस्तुति .
ReplyDeleteNew postमेरे विचार मेरी अनुभूति: तुम ही हो दामिनी।
बहुत सुंदर रचना,,,
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,