अतीत का वह पहला पन्ना ,
कितना सुखद , कितना भोला ,
न कोई चिंता न ही कोई फिकर ,
दोस्तों के संग बस धौल - धप्पा ....
बारिश की बूंदों के संग - संग ,
छत पर जम कर खूब उछलना,
उड़ती पतंग के संग - संग ,
आसमान मे ऊंचे ही ऊंचे उड़ना ,
बना हवा मे महल और बुर्जी ,
पारियों के संग खूब विचरना.....
माँ की आवाज़ को कर नाकारा,
गली मे रात होने तक खेलना ,
खाना - पीना किसीके भी घर,
अपना ही हो यह कब सोचना ,
घुटने की चोट पर धोती के कतरन ,
हल्दी - चूने का टपकता लेप ,
फिर भी करना जम कर हुड़दंग ,
अतीत का वह पहला पन्ना ,
कितना सुखद ...कितना भोला ......मेरा - तेरा बचपन .....!!!
कितना सुखद , कितना भोला ,
न कोई चिंता न ही कोई फिकर ,
दोस्तों के संग बस धौल - धप्पा ....
बारिश की बूंदों के संग - संग ,
छत पर जम कर खूब उछलना,
उड़ती पतंग के संग - संग ,
आसमान मे ऊंचे ही ऊंचे उड़ना ,
बना हवा मे महल और बुर्जी ,
पारियों के संग खूब विचरना.....
माँ की आवाज़ को कर नाकारा,
गली मे रात होने तक खेलना ,
खाना - पीना किसीके भी घर,
अपना ही हो यह कब सोचना ,
घुटने की चोट पर धोती के कतरन ,
हल्दी - चूने का टपकता लेप ,
फिर भी करना जम कर हुड़दंग ,
अतीत का वह पहला पन्ना ,
कितना सुखद ...कितना भोला ......मेरा - तेरा बचपन .....!!!
अतीत का वह पहला पन्ना ,
ReplyDeleteकितना सुखद,कितना भोला,मेरा-तेरा बचपन ..
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति,,,
RECENT POST : समझ में आया बापू .
बहुत बहुत शुक्रिया
Deleteआपकी इस प्रस्तुति की चर्चा कल सोमवार [09.09.2013]
ReplyDeleteचर्चामंच 1363 पर
कृपया पधार कर अनुग्रहित करें
सादर
सरिता भाटिया
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती,आभार।
ReplyDeleteabahr
ReplyDeleteकितना सुखद भोला . बचपन ..
ReplyDeletesach hai !!
sundar...
abahar
Deleteवाह बचपन की याद दिला दी आपने
ReplyDeleteshukriya
Deleteबड़े प्यारे अनुभव हैं बचपन के !
ReplyDeleteshukriya
Deleteअद्भुत!!
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति. आभार!
ReplyDeleteकृपया आप सभी मित्र यहाँ भी पधारें, जाग उठा है हिन्दुस्तान ... - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः15
मासूम और प्यारी |
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