Monday, March 25, 2013

तेरी लाड़ली ... कमजोर नहीं

जब सुनहरे आसमान तले ,
लाडो के सपने फला करते थे,
भीगी - भीगी पलकों पे,
नित सपनीले ख्वाब उपजाते थे , 
दिन - रात खोई - खोई रहती थी ,
बिन बात हँसती - रोती थी ,

तब माँ का जिया हुलसता था ,
हर आहट पर मन धधकता था ,
दिन - रात पलकों पे कटते थे ,
घड़ी की सूईया गिनती थी ,
दरवाजे को हरदम तकती थी ,
एक और नसीहत बढ़ जाती थी ,

लाड़ो पलाश सी महकी - महकी ,
दावानल सी दहकी - दहकी ,
अम्मा बिचारी सहमी - सहमी ,
हँस कर बिट्टो ने मरहम लगाया ,
तेरा डर तो है बिलकुल जायज़ ,
कोमल हूँ माना , नाज़ुक भी पर ,
कमजोर नहीं तेरी लाड़ली ... कमजोर नहीं ॥

8 comments:

  1. तेरा डर तो है बिलकुल जायज़ ,

    बिटिया कमज़ोर नहीं होती ..१०० टक्का सही बात है :)

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  2. बहुत बढ़िया ,होली की शुभकामनाएं
    latest post धर्म क्या है ?

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  3. बहुत सराहनीय प्रस्तुति.होली की शुभकामनाएं

    ले के हाथ हाथों में, दिल से दिल मिला लो आज
    यारों कब मिले मौका अब छोड़ों ना कि होली है.

    मौसम आज रंगों का , छायी अब खुमारी है
    चलों सब एक रंग में हो कि आयी आज होली है

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  4. "कोमल हूँ माना , नाज़ुक भी पर ,
    कमजोर नहीं तेरी लाड़ली ... कमजोर नहीं ॥"

    बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....

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  5. बहुत उम्दा सराहनीय अभिव्यक्ति ,,
    होली का पर्व आपको शुभ और मंगलमय हो!

    Recent post : होली में.

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  6. अच्छी रचना
    बहुत सुंदर

    होली की ढेर सारी शुभकामनाएं

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  7. sunder bhawuk rachna

    आपको और आपके परिवार को
    होली की रंग भरी शुभकामनायें

    aagrah hai mere blog main bhi sammlit hon
    aabhar aapka

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  8. लाड़ो पलाश सी महकी - महकी ,
    दावानल सी दहकी - दहकी ,
    अम्मा बिचारी सहमी - सहमी ,
    हँस कर बिट्टो ने मरहम लगाया ,
    तेरा डर तो है बिलकुल जायज़ ,
    कोमल हूँ माना , नाज़ुक भी पर ,
    कमजोर नहीं तेरी लाड़ली ... कमजोर नहीं ॥

    होली की रंग भरी शुभकामनायें

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