छोटी सी गुड़िया की लंबी कहानी ,
न राजा न परी न चाँद की जुबानी ,
घंटों की लंबी यातना और यंत्रणा,
अभी तो न जाना अपने होने का मतलब ,
अभी तो फखत खेल - खिलौने की दुनिया ,
हाँ - हाँ माँ डराती कभी- कभी दाड़ी वाला बाबा ,
झोली मे बच्चे छुपा ले जाए दूर देस ।
न जाना लाड़ो घर से दूर खेल यही गली मुहाने ।
पूरे दो दिन गुड़िया कैद अपने ही घर के नीचे ,
अम्मा - बाबा रो - रो ढूँढे सारा दुनिया - जहां ।
नीचे के बंद कमरे से सुन करहाने की आवाज़ ,
अम्मा चौंकी , बापू ने की पुलिस से फरियाद ,
क्षत- विक्षत - कटी- फटी वह नन्ही सी जान ,
अब तो बस दुआ है बस बच जाए गुड़िया की जान ,
मिले सज़ा एसी पापी को फिर न पैदा कोई शेतान ॥
न राजा न परी न चाँद की जुबानी ,
घंटों की लंबी यातना और यंत्रणा,
अभी तो न जाना अपने होने का मतलब ,
अभी तो फखत खेल - खिलौने की दुनिया ,
हाँ - हाँ माँ डराती कभी- कभी दाड़ी वाला बाबा ,
झोली मे बच्चे छुपा ले जाए दूर देस ।
न जाना लाड़ो घर से दूर खेल यही गली मुहाने ।
पूरे दो दिन गुड़िया कैद अपने ही घर के नीचे ,
अम्मा - बाबा रो - रो ढूँढे सारा दुनिया - जहां ।
नीचे के बंद कमरे से सुन करहाने की आवाज़ ,
अम्मा चौंकी , बापू ने की पुलिस से फरियाद ,
क्षत- विक्षत - कटी- फटी वह नन्ही सी जान ,
अब तो बस दुआ है बस बच जाए गुड़िया की जान ,
मिले सज़ा एसी पापी को फिर न पैदा कोई शेतान ॥
बढ़िया प्रस्तुति !
ReplyDeletelatest post तुम अनन्त
latest post कुत्ते की पूंछ
मार्मिक ... प्रभू शक्ति दे उसे ... ओर समाज जागे की ऐसा फिर न हो सके ..
ReplyDeleteबहुत मार्मिक अभिव्यक्ति,सुंदर रचना,,,
ReplyDeleteRECENT POST : प्यार में दर्द है,
अति सुंदर रचना |
ReplyDeleteबहुत सटीक सुंदर रचना |
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