Wednesday, January 26, 2011

क्या तुमने कभी महसूस किया है ?

क्या तुमने कभी महसूस किया है ,
भोर की सुनहरी धूप में,
कली का हौले से चट्खना ,
धीरे - धीरे पंखुरियों का खिल जाना |
क्या तुमने कभी महसूस किया है ,
घास पर लेटे- लेटे ,
आकाश में  स्याह -सफ़ेद बादलों में ,
हाथी- घोड़े आदि का बनाना |
क्या तुमने कभी महसूस किया है ,
खिली चटक चांदनी में ,
अधमुंदी- नशीली  पलकों पर,
हलके - नर्म  सपने सजाना |
क्या तुमने कभी महसूस किया है ,
पेड़ से सूखे- पीले  पत्ते का ,
हवा में  तिरते -तिरते ,
नजाकत से ज़मीन को छू जाना |
क्या तुमने कभी महसूस किया है................?

3 comments:

  1. "क्या तुमने कभी महसूस किया है ,
    घास पर लेटे- लेटे ,
    आकाश में स्याह -सफ़ेद बादलों में ,
    हाथी- घोड़े आदि का बनाना"

    खूबसूरत एहसास...

    एकदम मासूम सा सवाल..

    बचपन की याद ताज़ा है अभी भी ज़ेहन में...

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