Monday, May 9, 2011

teri yaad

पलकों की चिलमन से निकल कर ,


गालों की सेज पर ठहर गया ...

तेरी याद में अटका आसूँ,

रुकते - रुकते भी बह गया .....

दिल में दर्द है यह प्यार का मीठा सा ज़रा ,

ज़माने कि हवा लगते ही खारा कैसे हो गया ..........