चंद छोटे से लम्हे के लिए ही सही ,
टूट कर किया मैने तुमसे प्यार |
गर्म भाप उठी प्याले से चंद पलों के लिए,
दे गयी ताजगी उस वक़्त |
गोलगप्पे की खटास उस पल में ,
जीभ को करती तुर्श उस क्षण |
हो फिर कुछ पल को ठंडी कुल्फी का
जुबान को सुन्न करता आभास |
पहाड़ों पर गोल होती सडक का जैसे ,
खत्म हो जाने का अहसास |
हवा के पलटे रुख के साथ ,
महीन आंचल का सरसराता स्पर्श |
किसी की याद मे भीगते - उलझते ,
बारिश की बूंद से गीले ज़ज्बात |
बाँहों के घेर मे उठी - गिरती ,
एकतार होती धड़कन की सरगम |
बस वही एक पल ...लम्हा ..क्षण..
....... होता है खास ....!!!!!