Monday, August 12, 2013

बार - बार हर बार वही सवाल

कभी तो ऐसा था तुम सब जान जाती थी ,
मेरे आने से पहले मेरी आहट पहचान जाती थी,
अब क्यो पूछती हो बार - बार , हर बार वही सवाल ,
तू खुश तो है न ? सब ठीक हे न ?
हाँ , अम्मा , बहुत , बहुत से भी ज़्यादा बहुत ,
सारी सुख - सुविधाओं से भरपूर ,
गहने बनवाती , हुकुम चलाती,
रानी - महरानियों सा ठसका ,
पूरे परिवार का लबालब प्यार ,
तेरी बिट्टों का चलता है राज़,
तू तो स्वर के आरोह - अवरोह को जान जाती थी ,
बिन पकड़े ही नब्ज़ का ताप जानती थी ,
अम्मा , अब क्या हुआ भूल गई क्या ?
फिर भी करती है वही सवाल ,
जानती नहीं या करती है बहाना ,
बेकार ही इतिहास का दोहराना ,
बार - बार हर बार वही सवाल ........