Saturday, March 24, 2012

बुराई और अच्छाई मिल कर रहने लगे ......

उस अच्छी सी लड़की को ,
उस बुरे से लड़के से प्यार हो गया...
बे अंदाज़ा ...
बे इख़्तियार ...
उस बुरे से लड़के को भी .
उस अच्छी सी लड़की से हो गया प्यार ,
बे शुमार ,
बे हिसाब ,
लड़का बोला " मैं बदलना चाहता हूँ " ..
तेरे प्यार में ,
तेरे कारण,
तेरे लिए ,
लड़की खिज़ायी..
" अगर बदलना पड़े तो ,
फिर कहाँ रहा प्यार ,
यह तो हो गया व्यापार "....
जैसे हो तुम मुझे ,
वेसे ही बहुत पसंद हो ..
लड़का बोला -----
" तुम कितनी बुरी हो "
लपक कर चूम लिया लड़की को
और तब से
बुराई और अच्छाई मिल कर रहने लगे .......
 

Wednesday, March 21, 2012

कल रात जम कर सोई थी मैं

कल रात जम कर सोई थी मैं ,
पिछवाड़े नीम की जड़ में गहरे ,
गाड़ आई तेरी यादें - तेरी बातें ...
कस के बंद कर डाले खिड़की - दरवाजे सारे,
चटखनी चढ़ा , खींच दिए भारी परदे ..
खूब जम कर सोई थी मैं !
पर , किसको रही थी बहला ,
कितनी बंद करो खिड़की या रोशनदान ,
यह धूल की तरह यादें - बातें ,
न जाने कहाँ से चली आती हैं ?
छा जाती है घर के हर साजो- सामान पे ,
वैसे ही चाहे लाख करूँ कोशिश ,
तेरी यादों का चूरा बिखरा रहता मेरे वजूद पे ,
कितना भी बुहारू--कितना भी झाडूं,
फिर भी चिपका रह जाता है कहीं न कहीं
कल रात जम कर रोई थी मैं..........जी भर के ......सुबक - सुबक के ......
 

Tuesday, March 20, 2012

कल रात

कल रात खिड़की पर ,
 टंगे चाँद को देख मैंने पूछा....
उस पार क्या कोई मुझे याद करता है ?
चाँद मुस्कराया ......
कल रात बक्सा खंगालती माँ ,
तेरी गुड़िया सहला रही थी |
उसकी आँखों की नमी ,
एक कहानी सुना रही थी |
सुन कर सिहर गई मै,
इसलिए , क्या कल मै ,
ब़ार - ब़ार अपनी बिटिया को 
निहार रही थी  ? ?...........

इति ........ 

Sunday, March 18, 2012

जीवन जीना कोई इनसे सीखे (कैंसर पीड़ित एक दोस्त को समर्पित )


दो - चार सांसे हम भी लेलेते हैं ,
हल्का सा दुःख हो तो रो लेते है ,
न मिले मर्ज़ी का तो झल्ला जाते हैं ,
हो मर्ज़ी का तो हँस लेते हैं ,
कभी दावत - कभी उत्सव ,
हम भी शामिल हो लेते हैं ..
नहीं सह पाते कष्ट - विघ्न ,
ईश्वर की शरण ले लेते हैं ,
नही टली जो मुसीबत ,
उसको ही दोषी कह लेते हैं...
उसकी मर्ज़ी मान घुट घुट कर जी लेते हैं ...
पर हम मे से ही कुछ विरले ,
सबसे अलग होते हैं ,
अपने दर्द को नया आयाम देते हैं ,
बन कर एक जीवंत उदारहण,
दुनिया को नयी दिशा देते हैं .
कोटि - कोटि है नमन उसे ,
जिसने नया यह मार्ग दिखाया ,
दुखी और हताश ह्रदय को जीने का विश्वास दिलाया...