कुछ याद रहा कुछ भूल गयी
तेरे आने की खबर सुन ,
क्रोध - मान - तर्क - बहस
कुछ याद रहा ,कुछ भूल गयी |
तेरे इंतजार के पल समेटते
हँसना- रोना , सोना - जागना ,
कुछ याद रहा , कुछ भूल गयी |
तेरे कदमों की आहट सुन ,
सुध - बुध अपनी बिसरा कर ,
कुछ याद रहा , कुछ भूल गयी |
तेरे लबों की जुम्बिश देख ,
कही - अनकही - तेरा - मेरा ,
कुछ याद रहा , कुछ भूल गयी |
तेरी आँखों मे लबलबाता समन्दर देख ,
डूबती - तैरती - थिरकती - इठलाती ,
कुछ याद रहा कुछ भूल गयी |