Monday, May 16, 2011

पहली बार

पहली बार ऐसा हुआ है ,
हवा ने हल्के से छुआ है |
चरमराते सूखे पत्तो में भी ,
हो रहा संगीत का एहसास |
चिलचिलाती संगीन धूप भी ,
बन गयी मधुमयी शाम ख़ास  |
हल्की - तेज़ रिमझिम सी  बूंदें ,
करा रही  तेरी छुअन का आभास |
उड़ाती हुई यह गर्द धूल भी ,
आलिंगन बन  गयी आस - पास |
पहली बार ऐसा हुआ है ,
हवा ,धूप , बूंदे सब छू गई एक साथ ..
पहली बार ....पहली बार ...!!!!