भुलाने की लाख कोशिश में ,
तू हर पल याद आता है |
दिन तो गुज़र जाता है मसरूफियत में ,
शाम होते ही चिरागे मोहब्बत जल जाता है |
माना कि तू है एक सतरंगी ख्वाब ,
हर रात हकीकत क्यों बन जाता है |.
तू हर पल याद आता है |
दिन तो गुज़र जाता है मसरूफियत में ,
शाम होते ही चिरागे मोहब्बत जल जाता है |
माना कि तू है एक सतरंगी ख्वाब ,
हर रात हकीकत क्यों बन जाता है |.