चंद छोटे से लम्हे के लिए ही सही ,
टूट कर किया मैने तुमसे प्यार |
गर्म भाप उठी प्याले से चंद पलों के लिए,
दे गयी ताजगी उस वक़्त |
गोलगप्पे की खटास उस पल में ,
जीभ को करती तुर्श उस क्षण |
हो फिर कुछ पल को ठंडी कुल्फी का
जुबान को सुन्न करता आभास |
पहाड़ों पर गोल होती सडक का जैसे ,
खत्म हो जाने का अहसास |
हवा के पलटे रुख के साथ ,
महीन आंचल का सरसराता स्पर्श |
किसी की याद मे भीगते - उलझते ,
बारिश की बूंद से गीले ज़ज्बात |
बाँहों के घेर मे उठी - गिरती ,
एकतार होती धड़कन की सरगम |
बस वही एक पल ...लम्हा ..क्षण..
....... होता है खास ....!!!!!
बहुत ही खूबसूरत नज़्म है.
ReplyDeleteउस ख़ास पल का अहसास तमाम उम्र को रौशन किये रखता है .
Aise kuch Lamhon mein hi jeevan saanse leta hai ... Lajawab likha hai ...
ReplyDeleteबहुत खूब कुछ अलग सा.........पेंटिंग बड़ी प्यारी है |
ReplyDeleteबहुत सार्थक प्रस्तुति, आभार|
ReplyDeleteकिसी की याद मे भीगते - उलझते ,
ReplyDeleteबारिश की बूंद से गीले ज़ज्बात |
बाँहों के घेर मे उठी - गिरती ,
एकतार होती धड़कन की सरगम |
भावपूर्ण रचना के लिये बधाई !
बहुत अच्छी प्रस्तुति,मन की भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति ......
ReplyDeleteWELCOME to--जिन्दगीं--
समर्थक बन रहा हूँ आपभी बने मुझे खुशी होगी,....
bahut bahut shukriyaa ..zarur dheerendra ji ..
ReplyDeleteबहुत ही खुबसूरत ख्यालो से रची रचना......
ReplyDeleteयादो में बसा का जी लेने का मन करता है ...हर ऐसे ही लम्हे को
ReplyDeletePoonamji...har lamha behtareen hai...sundar kavita :)
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeletevikram7: हाय, टिप्पणी व्यथा बन गई ....
mann ki bhavnao ko vyakt karti sundar prastuti
ReplyDeleteचंद छोटे से लम्हे के लिए ही सही ...
ReplyDeleteअच्छी अभिव्यक्ति के लिए बधाई ..
किसी की याद मे भीगते - उलझते ,
ReplyDeleteबारिश की बूंद से गीले ज़ज्बात |
बाँहों के घेर मे उठी - गिरती ,
एकतार होती धड़कन की सरगम |
wah kya khob likha likha hai poonam ji apne ....gahri anubhooti ...badhai