Saturday, July 3, 2010

sapno ki duniyaa

वह छोटी सी चिड़िया ,
एकांत की तलाश में , दूर बहुत निकल गयी |
शीतल ताल ,
सुनहरा आकाश ,
ऊँचा पहाड़ ,
पाकर वही बस गयी |
आबादी का कोलाहल ,
रिश्ते का धूयाँ ,
यादों की मिट्टी,
को वह अब तरस गयी |
पलकों का गीलापन ,
होठों की हंसी ,
दिल की चाहत ,
सपनों की दुनिया बन गयी |

.........इति ...........

Sunday, June 27, 2010

aek cheraa

चाँद के चहेरे पर एक अक्स नज़र आता है ,
याद है जब एक साथ घंटो चाँद को निहारा करते थे ,
आज भी नज़र आती है तुम्हारी आंखे चाँद मे,
एक खामोश गर्माहट फैल जाती है चारो तरफ ,
उस गर्माहट की चादर लपेट ,
इंतजार करती हूँ अगली रात का |

इति .........

rishta

समपर्ण ..............
सम्पूर्ण समपर्ण ............
चाह कर भी नहीं हो पाता ,
विद्रोही मन मेरा ,
प्रशनों  की दीवार पर अटक जाता है ,
रिश्तों का यह ताना - बाना,
जितना सुलझाती हूँ ,
उतना ही  उलझता जाता है |

इति.........

Friday, June 25, 2010

kyuoki

क्योकि वह याद था ,
साथ है |
क्योंकि वह गीत था,
आवाज़ है |
क्योंकि वह धड़कन था ,
अहसास है |
क्योंकि वह दीपक था ,
प्रकाश है |
क्योंकि वह साँस था ,
आस है |
क्योंकि वह हमारा  था ,
पहचान  है |


इति ..............

Wednesday, June 23, 2010

Kyuoki

क्योकि वह बादल था ,
बरस गया |
क्योकि वह सपना था ,
टूट गया |
क्योकि वह तारा था ,
डूब गया |
क्योकि वह वक़्त था ,
बीत  गया |
क्योकि वह आंसू था ,
छलक गया |
क्योकि वह हमारा था ,
छूट गया |

इति ...........

Monday, June 21, 2010

swym

स्वयं ने ,
स्वयं को,
स्वयं से कहा ,
स्वयं के लिए ,
स्वयं से कुछ करना चाहिए |
स्वयं की खातिर ,
स्वयं पर मरना चाहिए |
स्वयं कहता रहा .....हे , रे . अरे !!!!!!!!

Wednesday, June 16, 2010

ahsas

यह आधा - अधूरा सपना मेरा ,
अक्सर मुझे रातो को जगाता है |
तुम्हारे आस पास होने का भ्रम ,
मुझे चक्रव्यूह  सा भरमाता है |
ब़ार - ब़ार छूती हूँ माथे की लकीरों को ,
जहाँ छुआ था तुमने ,
वह गर्म अहसास अभी भी मुझे ,
अग्निशिखा सा जलाता  है |

इति ..............