जिंदगी का कैनवस
अपनी जिन्दगी का कैनवस ,
खुद रंगा है |
एक - एक रंग बड़ी हिफाज़त ,
से चुना है |
कई रंग आपस में अच्छी तरह ,
घुलमिल जाते हैं |
कुछ रंग एकाकार हो कर ,
नया रंग दे जाते हैं |
कई रंग लगते ही आपस में ,
जँच नहीं पाते हैं |
कुछ रंगों की कमी अक्सर ,
खल जाती है |
कुछ रंग अन्य सभी रंगों पर ,
हावी हो जाते हैं |
कुछ रंग कितनी ब़ार भी लगाओ ,
खिल नहीं पाते हैं |
कुछ रंग उधार लेकर भी मैनें ,
कभी - कभी लगाये हैं |
कुछ रंग प्यार से लगाकर ,
फिर मिटाए हैं |
कुछ रंग कितना भी चाह कर ,
भी नहीं लगाये हैं |
कुछ रंग गलती से अनजाने में ,
जल्दी में सजाए हैं |
कई ब़ार तो कैनवस मैंने ,
अधुरा भी छोड़ा है |
कई ब़ार रातों को उठ - उठ कर ,
रंगों को बिखेरा है |
अपनी जिंदगी का कैनवस मैनें खुद रंगा है ..........|
अपनी जिन्दगी का कैनवस ,
खुद रंगा है |
एक - एक रंग बड़ी हिफाज़त ,
से चुना है |
कई रंग आपस में अच्छी तरह ,
घुलमिल जाते हैं |
कुछ रंग एकाकार हो कर ,
नया रंग दे जाते हैं |
कई रंग लगते ही आपस में ,
जँच नहीं पाते हैं |
कुछ रंगों की कमी अक्सर ,
खल जाती है |
कुछ रंग अन्य सभी रंगों पर ,
हावी हो जाते हैं |
कुछ रंग कितनी ब़ार भी लगाओ ,
खिल नहीं पाते हैं |
कुछ रंग उधार लेकर भी मैनें ,
कभी - कभी लगाये हैं |
कुछ रंग प्यार से लगाकर ,
फिर मिटाए हैं |
कुछ रंग कितना भी चाह कर ,
भी नहीं लगाये हैं |
कुछ रंग गलती से अनजाने में ,
जल्दी में सजाए हैं |
कई ब़ार तो कैनवस मैंने ,
अधुरा भी छोड़ा है |
कई ब़ार रातों को उठ - उठ कर ,
रंगों को बिखेरा है |
अपनी जिंदगी का कैनवस मैनें खुद रंगा है ..........|
पूनम जी,
ReplyDeleteएक बेहतरीन पोस्ट......रंगों के माध्यम से आपने बहुत गहरी बातें बयां की हैं.....इंसानी फितरत से मेल खाती है रंगों की फितरत भी......बहुत खूब|
कभी फुर्सत में हमारे ब्लॉग पर भी आयिए- (अरे हाँ भई, सन्डे को भी)
http://jazbaattheemotions.blogspot.com/
http://mirzagalibatribute.blogspot.com/
http://khaleelzibran.blogspot.com/
http://qalamkasipahi.blogspot.com/
Shukriya ...
ReplyDeleteपूनम जी,
ReplyDeleteनमस्कार !
शब्दों को चुन-चुन कर तराशा है आपने ...प्रशंसनीय रचना।
kuch ehsaas khud b khud dil tak apna vistaar paa lete hain ...
ReplyDeletevatvriksh ke liye apni ye rachna bhejiye rasprabha@gmail.com per parichay tasweer blog link ke saath
ज़िन्दगी के कई रंगों से रंगी सुन्दर छंदमुक्त कविता.
ReplyDeletejindagi को अपने ही रंगों से sajaana kitna achaa है .... kaash har किसी को ये mouka mile ....
ReplyDeleteBahut bahut dhnywad
ReplyDeleterangon ka itna sundar upyog.....
ReplyDeleteapki abhivyakti ko salaam...
chitr to sabhi sundar hi banate hain fir bhi kai baar savdhani se canvas par lagaye gaye rang bhi kisi ke hathon faila diye jaate hain...
par apni koshish achha banane ki hi karni chaahiye.......good job !!
zindagi ke canvas par apke rang sundar..ati sundar...khuda rangon ko mahfooz rakhe...
ReplyDeleteBahut bahut shukriya...
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