Saturday, March 19, 2011

अबकी होली

अबकी होली , कोई याद आ गया ,
सपना जिसका , रातों को जगा गया |
गुलाल हुए गाल , जिसकी तपन  से ,
बहके नयन , जिसकी छुअन से |
बाँहों के तंग घेरे में , जिसकी सिहरते  रहे ,
कसमसाते हम रहे , मुस्कुराते वे रहे |
भीग गया मन , पलक से मोती छलक गया ,
फागुनी इस मौसम में , कोई याद आ गया |

2 comments:

  1. होली की हार्दिक शुभ कामनाएं आपको और आपके पूरे परिवार को

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  2. bahut bahut dhnywad..apko aur apke parivar ko bhi shubkamnaye..

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