पहली बार ऐसा हुआ है ,
हवा ने हल्के से छुआ है |
चरमराते सूखे पत्तो में भी ,
हो रहा संगीत का एहसास |
चिलचिलाती संगीन धूप भी ,
बन गयी मधुमयी शाम ख़ास |
हल्की - तेज़ रिमझिम सी बूंदें ,
करा रही तेरी छुअन का आभास |
उड़ाती हुई यह गर्द धूल भी ,
आलिंगन बन गयी आस - पास |
पहली बार ऐसा हुआ है ,
हवा ,धूप , बूंदे सब छू गई एक साथ ..
पहली बार ....पहली बार ...!!!!
जब पहली बार होत है तो ऐसा ही होता है
ReplyDeleteजब पहली बार प्रेम आपको छूता है तब ऐसा ही होता है...शानदार अभिव्यक्ति.....
ReplyDeleteएक एहसास..
ReplyDeleteकिसी के प्यार का..
न जाने कितनी अनुभूति दे जाता है !!
खूबसूरत !!
एक और सुन्दर कविता आपकी कलम से !
ReplyDeleteshukriya...
ReplyDeleteदिल को छू गयी आपकी नज़्म.
ReplyDeleteबहुत खूब