भर आया है प्यार मेरा ,
इन नैनों के कोरों तक ,
अब तो आ जाओ साजन,
सांसें न रुक जाये भोर होने तक |
माथे पर मेरे अगर ,
लबो का तेरे हो कुमकुम ,
ह्रदय मे गूंजे हल्का सा श्रृंगार ,
ठहर जाये धरती ,थम जाये अस्मा |
बाँहों की तेरी अगर,
मिल जाये चन्दनहार ,
आँखों मे तेरी देखूँ ,
डूब कर भी ,पा जाऊ सारा संसार |
सुन्दर.....विरह का दर्द समेटे एक प्रेमपूर्ण पोस्ट.....पूनम जी आपके ब्लॉग पर जो फेसबुक का बैज है उसके लिंक के द्वारा जब हम फेसबुक पर पहुंचे तो पाया आपने सारे ऑप्शन बंद कर रखे हैं|
ReplyDeletebahut bahut shukriya, Just for security and privacy reason, You can send a friend request if you are on FB
ReplyDelete"भर आया है प्यार मेरा,
ReplyDeleteइन नैनों के कोरों तक !!"
pyaar aise hi bharta hai
kabhi kisi ke liye..
par koi samjhe to....!!!
khoobsoorat....
***punam***
bas yun...hi...
In the facebook there is no freind request option available on your profile.
ReplyDeleteपूनम जी काश आप और दूसरे रचनाकारों कि तरह से ना हों जो केवल तारीफ ही पसंद करते है बुराई नहीं ........ आपकी भावपूर्ण कविता पढ़कर हम और भी ज्यादा अकेले हो गए ऐसा लगता है जैसे कि हम अलग थलग से पड़े ...किसी का इंतज़ार कर रहे है ......बधाई आपको इतने सुदर कविता लिखने के लिए
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