Monday, September 10, 2012

हथेली पे मेहंदी

मेहंदी की महक उसे बचपन से भाती थी ,
हो किसी की सगाई या शादी ,
मेहंदी लगवाने सबसे पहले पहुँच जाती थी ।
डांट भी खाती, गलियाँ भी पड़ती ,
पर पता नहीं वह अपने को रोक नहीं पाती थी ।

मेहंदी की महक ले जाती उसे बादलों के पार ,
सफ़ेद घोड़े पे बांका सजीला राजकुमार ,
लाल लिबास मे सजी -लदी वह कमसिन दुलहन ,
बहने लगती मंद – मंद सुगंधित बयार ,
देवी – देवताओं का स्वर्ग से झड़ता आशीर्वाद ।

गंगा –यमुना कल –कल करती चरण पखार,
शंख फूंकते झूम -झूम आँगन के पारिजात ,
तारों की होती हर द्वार पे वंदनवार ,
अप्सराएँ और किन्नर गाते शुभ गान,
हर आता – जाता देता खुशियों की सौगात ।

मर गयी कहाँ ए कलमुँही .....सुन ,
टूटी निंद्रा , पड़ी पीठ पे करारी लात,
कमबख्त ये बर्तन क्या तेरा खसम घिसेगा ,
या तेरी अम्मा ने बैठा लिए ,घर पे यार ,
महारानी की अदा देखो तो ज़रा ,
हथेली पे मेहंदी सजा ,समझे है मिल जाएगा राजकुमार ॥

41 comments:

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  2. बहुत मार्मिकता में लिपटा सच परोसा है आपने.....हैट्स ऑफ (हैट्रिक) :-))

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  3. खूबसूरती से कामवाली बाई के सपने और उसके दर्द को लिख डाला ....सादर

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  4. सत्य की धरातल में लिखी बहुत मार्मिक अभिव्यक्ति..

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  5. आपकी प्रस्तुति अच्छी लगी। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है।

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  6. मर गयी कहाँ ए कलमुँही .....सुन ,
    टूटी निंद्रा , पड़ी पीठ पे करारी लात,
    कमबख्त ये बर्तन क्या तेरा खसम घिसेगा ,
    या तेरी अम्मा ने बैठा लिए ,घर पे यार ,
    महारानी की अदा देखो तो ज़रा ,
    हथेली पे मेहंदी सजा ,समझे है मिल जाएगा राजकुमार ॥

    कोई संदेह नहीं राजकुमार स्वर्ण रथ पर सवार आएगा ही . हमारा आशीर्वाद है

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  7. किसी के दर्द भरे अहसासों को बड़ी खूब शूरती से उकेरा है इस रचना में,,,,बधाई

    RECENT POST - मेरे सपनो का भारत

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  8. http://vyakhyaa.blogspot.in/2012/09/blog-post_12.html

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  9. मन को छूते शब्‍द के भाव ... उत्‍कृष्‍ट लेखन ।

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  10. दिल से लिखी हुई बातें सीधे दिल में उतरती हुई...| बहुत खूब |

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  11. आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 13-09 -2012 को यहाँ भी है

    .... आज की नयी पुरानी हलचल में ....शब्द रह ज्ञे अनकहे .

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  12. बेबाक, सुंदर रचना।

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  13. वाह क्या बात है बेहद सुन्दर रचना, बहुत-२ बधाई
    पधारें www.arunsblog.in

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  14. मार्मिक .. सपने तो हर किसी को आते हैं ... देखना जरूरी भी है ...
    पर कई बार कठोर धरातल उनको चकना चूर कर देता है ...

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  15. बहुत ही बढ़िया


    सादर

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  16. विचारणीय तथा भावपूर्ण प्रस्तुति ।

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  17. सपनों के टूटने का दर्द .....

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  18. वाह वाह वाह हर एक पंक्ति बोलती हुई क्युकी हर एक का सपना यही कहता सबके दिल में एक ही तमन्ना हिलोरे लेती काश मेरे हाथों में भी मेहँदी सजती ....और मेरा राजकुमार मुझे दूर कही ले जाता सुन्दर , सार्थक रचना |

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  19. बेहद मार्मिक रचना..
    हृदयस्पर्शी...

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