बड़े जब कुछ कदम एक साथ ,
वह उठा , जगा , बड़ा था अकेले ही ,
जुड़ गया पूरा देश देखते ही देखते
जय हो - जय हो - जय -अन्ना हजारे,
चले जब सब साथ तो , तुम जीते , वो हारे....!!
झुक गया न्यायकर्ताओं का परचम
वह उठा , जगा , बड़ा था अकेले ही ,
जुड़ गया पूरा देश देखते ही देखते
जय हो - जय हो - जय -अन्ना हजारे,
चले जब सब साथ तो , तुम जीते , वो हारे....!!
सत्यमेव जयते .वीर तुम बढे चलो,धीर तुम बढे चलो,
ReplyDeleteसामने पहाड़ हो,सिंह की दहाड़ हो
तुम कभी रुको नहीं,तुम कभी झुको नहीं
आपकी सुन्दर काव्यमयी प्रस्तुति के लिए आभार.
मेरे ब्लॉग पर भी आईये,प्लीज.
सत्य की हमेशा जीत होती है
ReplyDeleteसुन्दर रचना
सार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना है..शुभकामनाएं।
ReplyDelete