हैरान ही कर दिया था ,
मैने अपनेआप को ..
जब हम थोड़ा करीब आए थे |
तुम्हारी वो गुलाबी मुस्कान ,
एक युग सा समेटे उस पल में ..
मुझे ताकती वो मद निगाहें ,
बाहुपाश मे बेल सी लिपटी में ..
बादल बन भिगो गए तुम |
बड़ी हिम्मत से तय किये मैने,
ये चन्द कदम करीबी के ..
तुम क्या जानो ......!!
सच है करीबी के कुछ क़दमों पर कभी-कभी मीलों सा फासला हो जाता है .......मुबारक हो जो आपने ये फासला तय किया .......सुन्दर पोस्ट|
ReplyDeleteएक और सुन्दर कविता आपकी कलम से !
ReplyDelete"बाहुपाश मे बेल सी लिपटी में ..
ReplyDeleteबादल बन भिगो गए तुम |
बड़ी हिम्मत से तय किये मैने,
ये चन्द कदम करीबी के ..
तुम क्या जानो ......!!"
khoobsoorat se ehsaas.., najuk se.. pyare se..!!
sunder abhivykti
ReplyDeleteबाहुपाश मे बेल सी लिपटी में ..
ReplyDeleteबादल बन भिगो गए तुम |
बड़ी हिम्मत से तय किये मैने,
ये चन्द कदम करीबी के ..
तुम क्या जानो ......!! poonam ji namaste...bhut sundar lagi ye laine...bahut achha likhti ho aap ..pehli bar aai hu main aapke blog pe...achha laga....