कुछ समझ नहीं आया..........शायद लफ्ज़ कुछ ज्यादा ही कम रह गए हैं |
lafz kam nahi rahe....aap jo bhi samjhna chae samjh sakte hae.....:)
और ढाई घर चलते-चलते कभी-अभी सामने वाला चेस-बोर्ड के पार भी गोटियाँ निकाल ले जाता है !और सामने वाला अपने एक घर में ही बैठा देखता रह जाता है...!!
really nice..
कुछ समझ नहीं आया..........शायद लफ्ज़ कुछ ज्यादा ही कम रह गए हैं |
ReplyDeletelafz kam nahi rahe....aap jo bhi samjhna chae samjh sakte hae.....:)
ReplyDeleteऔर ढाई घर चलते-चलते
ReplyDeleteकभी-अभी सामने वाला
चेस-बोर्ड के पार भी
गोटियाँ निकाल ले जाता है !
और सामने वाला
अपने एक घर में ही
बैठा देखता रह जाता है...!!
really nice..
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