लपेट ली अपनी ही बाहें कसके अपने ही आप से ,और लजा गए तेरे मरमरी अहसास से ..............aur ye ehsaas bhi suhana hai....
bahut suhana..shukriyaa..
सुन्दर रचना .महाशिवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
tnx...apko bhi
sukhad ahsaas
shukriyaa.
बहुत सुंदर कोमल एहसास !आभार!
dhnyawad.
बहुत लाजवाब ... सर्दियों में हलकी सी धुप का एहसास ...
बहुत खुबसूरत कोमल अहसास, सुंदर अभिव्यक्ति बधाई
shukriyaa
खूबसूरत!! :)
कुछ मन को प्रिय लगने वाले एहसास एक सुखद अनुभूति से मन को दोलायमान कर जाते हैं । आपकी कविता के हर शब्द अपना क्षितिज विस्तृत करते गए हैं । मेरे पोस्ट पर आपकी प्रतीक्षा रहेगी । धन्यवाद .
BAHUT SUNDER ANUBHUTI HE.
लपेट ली अपनी ही बाहें कसके अपने ही आप से ,
ReplyDeleteऔर लजा गए तेरे मरमरी अहसास से ..............
aur ye ehsaas bhi suhana hai....
bahut suhana..shukriyaa..
Deleteसुन्दर रचना .
ReplyDeleteमहाशिवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
tnx...apko bhi
Deletesukhad ahsaas
ReplyDeleteshukriyaa.
Deleteबहुत सुंदर कोमल एहसास !
ReplyDeleteआभार!
dhnyawad.
Deleteबहुत लाजवाब ... सर्दियों में हलकी सी धुप का एहसास ...
ReplyDeleteshukriyaa.
Deleteबहुत खुबसूरत कोमल अहसास, सुंदर अभिव्यक्ति बधाई
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Deleteखूबसूरत!! :)
ReplyDeleteकुछ मन को प्रिय लगने वाले एहसास एक सुखद अनुभूति से मन को दोलायमान कर जाते हैं । आपकी कविता के हर शब्द अपना क्षितिज विस्तृत करते गए हैं । मेरे पोस्ट पर आपकी प्रतीक्षा रहेगी । धन्यवाद .
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