बेहतरीन!सादर
माना की तेरी नज़र में मेरी कोई औकात नहीं ,राह मे बिखरी धूल ही सही ,मत भूल हवा की मनमानी ,किरकिरी बन पड़ गयी तो ,आँख मलता रहेगा ,ता उम्र यूँ ही ... अति सुन्दर ....!!
sundar.
waah bahut khubis dhul ke kya kahne ....
वाह ! क्या बात है ...बेहतरीन ...!
सच कहा है पूनम जी ... हवा से पंगा लेना ठीक नहीं ... कुछ भी हो सकता है ...
सुभानाल्लाह...
aap sabhi kaa shukriyaa...
हूँ.... बहुत बढ़िया
बेहतरीन!
ReplyDeleteसादर
माना की तेरी नज़र में मेरी कोई औकात नहीं ,
ReplyDeleteराह मे बिखरी धूल ही सही ,
मत भूल हवा की मनमानी ,
किरकिरी बन पड़ गयी तो ,
आँख मलता रहेगा ,
ता उम्र यूँ ही ...
अति सुन्दर ....!!
sundar.
ReplyDeletewaah bahut khub
ReplyDeleteis dhul ke kya kahne ....
वाह ! क्या बात है ...बेहतरीन ...!
ReplyDeleteसच कहा है पूनम जी ... हवा से पंगा लेना ठीक नहीं ... कुछ भी हो सकता है ...
ReplyDeleteसुभानाल्लाह...
ReplyDeleteaap sabhi kaa shukriyaa...
ReplyDeleteहूँ.... बहुत बढ़िया
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